उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधानों को अब ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और लोक निर्माण विभाग जैसे सरकारी विभागों के इंजीनियरों के भरोसे नहीं रहना होगा। बहुत जल्द ग्राम प्रधान अपनी ग्राम पंचायत द्वारा स्वीकृत वि

उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधानों को अब ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और लोक निर्माण विभाग जैसे सरकारी विभागों के इंजीनियरों के भरोसे नहीं रहना होगा। बहुत जल्द ग्राम प्रधान अपनी ग्राम पंचायत द्वारा स्वीकृत विकास कार्यों के एस्टीमेट व नक्शा इन प्राइवेट जूनियर इंजीनियरों से बनवा सकेंगे। यह इंजीनियर निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उसकी एमबी (मेजरमेंट बुक) तैयार करेंगे।

उदाहरण के लिए लखनऊ के ग्रामीण इलाके मलिहाबाद विकास खण्ड के दतली गांव के ग्राम प्रधान पप्पू सिंह ने स्ट्रीट लाइट, इण्टरलाकिंग, शौचालय आदि के करीब 25 लाख रुपये के स्वीकृत काम करवाए। मगर सरकारी इंजीनियर द्वारा समय से मेजरमेंट बुक (एमबी) तैयार न किए जाने की वजह से भुगतान नहीं हो पा रहा। निर्माण सामग्री आपूर्तिकर्ता, ठेकेदार सब जल्द भुगतान करवाने को घेरे रहते हैं। यह दर्द सिर्फ दतली के प्रधान पप्पू सिंह का ही नहीं है बल्कि प्रदेश के अधिकांश ग्राम प्रधानों की यही परेशानी है। मगर अब यह परेशानी जल्द दूर होने वाली है।

अभी तक इन कार्यों के लिए ग्र्राम प्रधानों को ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के भरोसे रहना पड़ता था। अव्वल तो यह सरकारी इंजीनियर ग्राम पंचायत के स्वीकृत विकास कार्यों के नक्शे व एस्टीमेट बनाने में ही लेटलतीफी करते थे, दूसरे निर्माण कार्य पूरा होने पर उसकी एमबी लटकाए रखते थे जिसकी वजह से भुगतान होने में काफी समय लगता था। आरोप तो यह भी है कि एमबी तैयार करने से पहले यह सरकारी इंजीनियर ‘कमीशन’ लेते थे. तभी एमबी तैयार होती थी।

पंचायतराज निदेशक अनुज झा ने बताया कि उनके विभाग ने कुल 1875 डिप्लोमा व डिग्री धारी सिविल इंजीनियरों का पैनल तैयार करने की योजना बनाई है। 15 जून तक आवेदन लिये जाएंगे। उसके बाद मैरिट के आधार पर इनका चयन किया जाएगा। हर जिले में ऐसे 25 इंजीनियर तैनात किए जाएंगे। जिन्हें ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के एस्टीमेट, नक्शे व एमबी आदि का कार्य करने के एवज में कुल निर्माण लागत का दो प्रतिशत सर्विस चार्ज दिया जाएगा। प्रदेश में कुल 58,189 ग्राम पंचायतें हैं।

योग्यता
सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री या तीन वर्षीय डिप्लोमा या आर्किटेक्चर में डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए। साथ ही, उम्मीदवारों की आयु 18 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार के पंचायती राज विभाग की आधिकारिक वेबसाइट, prdfinance.up.gov.in पर उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

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